जाहिर है, देर सबेर जागरण को भी अपना सेलरी सट्रक्चर फिर से ठीक करना होगा।
2.
सिर्फ कुछ किताबें इतनी खराब हो चुकी थीं कि उन्हें फिर से ठीक करना संभव नहीं था।
3.
इसका शिक्षण, लोकशिक्षण करने के लिए हमें अपने व्यक्तिगत जीवन को फिर से ठीक करना पड़ेगा।
4.
इसके अनुसार, वस्तुगत प्रक्रिया की अभिव्यक्ति के अनुसार हमें ज्ञान को फिर से ठीक करना होता है।
5.
इसकी तासीर को समझे बिना अगर गलत समय या गलत भौतिक दशा में इसमें कोई भी कृषि कार्य किया गया तो उसकी दशा बहुत बिगड़ जाती है, जिसे फिर से ठीक करना बहुत मुश्किल हो जाता है।